इंदिरा गांधी से राहुल गांधी तक गांधी परिवार का ग़रीबी पुराण: नज़रिया
लगता है, नेहरू-गांधी परिवार का ग़रीबी से गर्भनाल का संबंध है. दादी से लेकर पोते तक, इस परिवार का हर कोई भारत से ग़रीबी हटाना चाहता है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की दादी, दिवंगत इंदिरा गांधी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने के साल 1966 से लेकर अब यानी 2019 तक के समय की गणना करें तो पूरे 43 बरस हो गए, नेहरू-गांधी परिवार को ग़रीबी हटाते. लेकिन ग़रीबी है कि मुई, हटती ही नहीं. कम-से-कम न तो इंदिरा गांधी के 14 वर्ष के कार्यकाल में हटी, न उनके पुत्र राजीव गांधी के. तथ्य तो यही बताते हैं. इसलिए शायद इंदिरा के पोते राहुल ने तय किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी जैसे ही जीतेगी, देश के हर ग़रीब, चाहे वह रोज़ी कमा रहा हो या निठल्ला बैठा हो, के बैंक खाते में एक निश्चित रक़म भेज देगी. "कोई ग़रीब भूखा नहीं रहेगा और हर महीने एक तयशुदा राशि पाने से वंचित न रहेगा, "राहुल के इस ऐलान को विपक्ष ने भले ख़याली पुलाव कहकर ख़ारिज कर दिया हो लेकिन नेहरू-गांधी परिवार के वंशज को या फिर उनके लिए चुनावी रणनीति बनाने वाले उनके सिपहसालारों को भरोसा है कि ये नारा भी वैसा ही जादू करेगा जैसे ...